साल में तीन बार रंग बदलते हैं सोमनाथ महादेव, खारुन-शिवनाथ के संगम पर स्थित मंदिर आकर्षण का केंद्र
देशभर में ज्यादातर श्रद्धालुओं ने गुजरात के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग में से एक सोमनाथ मंदिर का नाम सुना है, लेकिन छत्तीसगढ़ की राजधानी से मात्र 45 किलोमीटर की दूरी पर बिलासपुर मार्ग पर स्थित सिमगा गांव के समीप भी एक सोमनाथ मंदिर है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि यह सैकड़ों साल पुराना है। शिवलिंग की खासियत यह है कि प्रत्येक मौसम में शिवलिंग का रंग बदलता है। इसलिए, यहां दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ते हैं।
खारुन-शिवनाथ का संगम तट
रेलवे स्टेशन से फाफाडीह चौक होते हुए बिलासपुर जाने वाले मुख्य मार्ग पर सिमगा गांव के समीप स्थित सोमनाथ मंदिर आस्था का केंद्र तो है ही, यहां के आसपास का वातावरण खूबसूरत है। खारुन नदी और शिवनाथ नदी के संगम तट पर स्थित होने से प्रतिदिन पिकनिक मनाने के लिए सैकड़ों पर्यटक आते हैं। रविवार और अवकाश के दिनों में पर्यटकाें का तांता लगा रहता है। शिवलिंग की महत्ता इसलिए है कि मानसून, ग्रीष्म काल और शीतकाल में शिवलिंग का रंग बदल जाता है। शिवलिंग गर्मी के दिनों में लाल रंग का मानसून में भूरा और शीतकाल में काले रंग का दिखाई देता है।