भूपेश बघेल ''कका' तो रमन सिंह चाउर वाले ''बाबा'', लोगों के बीच इन नामों से जानें जाते हैं छत्तीसगढ़ के नेता
राजनीति में राजनेताओं को न केवल तख्त और ताज मिल रहा है, बल्कि उन्हें नया नाम और पहचान भी मिल रही है। छत्तीसगढ़ की राजनीतिक परिदृश्य के साथ-साथ अन्य राज्यों में राजनेता कुर्सी पर बैठने के बाद नए रिश्तों के नाम के साथ पहचाने जाने लगे हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कका, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को चाउर वाले बाबा का नाम राजनीति में आने से ही मिला है।
समाजशास्त्रियों के अनुसार रिश्ता एक ऐसा शब्द है जिसके कहने से ही अपनत्व का भाव दिमाग में उभर आता है। राजनीति में रिश्तों का ताना-बाना पहले से ही जुड़ा हुआ है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में इसने एक अलग ही छाप छोड़ दी है। ऐसे नेताओं के साथ भले ही खून के रिश्ते न हो फिर भी कार्यकर्ताओं और लोगों की ओर से दिए गए नाम से है, जिसे कई जगहों पर जनता ने इसे हाथों हाथ लेते हुए इसे अमलीजामा पहनाया है।
''कका'' कहते ही जुबां पर आते हैं भूपेश
प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश पूरे राज्य में कका के नाम से जाने जाते हैं। यह शब्द अब इतना प्रचलित हो चुका है कि कका शब्द बोलते ही भूपेश बघेल की छवि लोगों के दिमाग में आ जाती है। भूपेश बघेल भी कई मंचों से कह चुके हैं कि उन्हें ये कका का टाइटल मैंने खुद नहीं दिया है, बल्कि युवाओं और प्रदेश की जनता ने दिया है। ये लोगों का भरोसा है जो कहते हैं कका है तो भरोसा है और कका अभी जिंदा है।