मोदी स्टाइल में एसेंबली पहुंचे मजदूर से विधायक बने ईश्वर साहू, विधानसभा के गेट पर मत्था टेककर किया नमन
रायपुरः छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव 2023 के रिजल्ट इस बार काफी चौंकाने वाले रहे। बीजेपी ने यहां 90 विधानसभा सीटों में से 54 सीटें अपने नाम की है। जबकि सत्ताधारी कांग्रेस को सिर्फ 35 सीटें ही मिल पाई जबकि एक सीट जीजीपी को मिली है। जिन 54 सीटों में बीजेपी जीती है उनमें से एक सीट साजा की है। जहां से पार्टी के प्रत्याशी ने कांग्रेस के 7बार के विधायक को पटखनी दी है। बेटे की हिंसा में जान जाने वाले पिता ईश्वर साहू को पार्टी ने टिकट दिया था। चुनाव जीतने के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे नए विधायक ईश्वर ने वहां की चौखट पर मत्था टेका।
दरअसल, छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में से कई विधायक पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे है। ये नवनिर्वाचित विधायक पहली बार विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ रहे विधायक वाहं पहुंचते ही मत्था टेक रहे हैं। इन्हीं मे से एक मजदूर से विधायक बने ईश्वर साहू ने विधानसभा भवन पहुंचते ही मत्था टेका। विधानसभा में अभी तक 40 विधायक ने अपनी हाजरी दर्ज कराई है।
कौन है ईश्वर साहू?
विधानसभा चुनाव से पहले तक ईश्वर साहू बीजेपी की तरफ से साजा विधानसभा सीट से कैंडिडेट थे। उनकी बस यही पहचान नहीं है। ईश्वर साहू इसी साल अप्रैल महीने में इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा में जान गंवाने वाले भूवनेसश्वर साहू के पिता भी है। उनको बेटे की मौत में न्याय दिलाने के लिए बीजेपी ने साजा से अपना प्रत्याशी बनाया। इन्ही ईश्वर साहू ने सीट से 7 बार से विधायक बन रहे क्रांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र चौबे को हरा दिया।