अजब-गजब.. यहां ‘भूत’ ने दुश्मनों पर दर्ज कराई FIR, बयान भी दिया, केस सुनकर हाईकोर्ट का भी चकराया माथा, कहा- मर चुका शख्स..
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया है। सब यही कह रहे हैं कि भला ऐसे कैसे हो सकता है। दरअसल, मृतक व्यक्ति के नाम से साल 2014 में एक जमीन के विवाद में एक ही परिवार के पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया। वहीं, जांच अधिकारी ने भी बयान दर्ज कर लिया और चार्जशीट भी लगा दी। इसके बाद ये केस चलता रहा। वहीं, मामला जब हाईकोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट से सभी पहलू की जांच कर कुशीनगर एसपी से पूछा- कोई मरा हुआ व्यक्ति या कोई भूत भी FIR करा कर निर्दोषों को फंसा सकता है?
यह मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर का बतायाजा रहा है। यहां साल 2014 में एक जमीन के मामले में मृत व्यक्ति ने एक परिवार के पांच लोगों पर एफआईआर कराई और इस मामले में विवेचना कर रहे विवेचक ने बयान भी दर्ज कर लिया और इसकी चार्जशीट भी दाखिल कर दी। जब ममाला ट्रायल कोर्ट में आया तो कोर्ट ने इसका संज्ञान भी ले लिया। वहीं, जब ये मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने इस मामले को सुनकर रद्द कर दिया और एसपी को पता लगाने को कहा कि कोई भूत कैसे निर्दोषों को फंसा रहा है?
बता दें कि कुशीनगर के हाटा थाना इलाके के रहने वाले आरोपी पुरुषोत्तम सिंह समेत उनके दो भाई व दो बेटों ने पुलिस की तरफ से दाखिल आरोप पत्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। जस्टिस सौरभ श्याम समसेरी की अदालत में जानकारी दी गई कि साल 2014 में पुरुषोत्तम और अन्य के खिलाफ शब्दप्रकाश नाम के व्यक्ति ने धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई, जबकि शब्दप्रकाश की मौत 2011 में हो चुकी है।