11 नवंबर से नहीं होंगे शासकीय काम, इस वजह से लिया गया बड़ा फैसला, जानें…
• devendra kumar
प्रदेशभर के कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के शासन द्वारा गठित समिति के अध्यक्ष ने मंगलवार को शासकीय अधिकारी-कर्मचारी संघों के प्रतिनिधि मंडल से समस्याओं और मांगों को लेकर चर्चा की। समिति के अध्यक्ष प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह ने शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के संघों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर मांगों का परीक्षण कराकर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
वहीं, अनियमित कर्मचारी संघों ने बैठक में नहीं बुलाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। साथ ही नगरीय कर्मचारी संघ ने 11 नवंबर से प्रदेश भर में निकायों में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की घोषणा की। आंदोलन में प्रदेशभर के सभी 184 निकायों के 20 हजार कर्मचारी शामिल होंगे। इससे निकाय चुनाव पर असर पड़ सकता है।
नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय एड़े ने कहा, साय सरकार मोदी की गारंटी पूरी करने की बात कहती है, लेकिन जब प्लेसमेंट की मांग पूरी करने की बात आती है, तब ध्यान नहीं दिया जाता है। समिति की बैठकों से भी संघ के पदाधिकारियों को नहीं बुलाया जा रहा है।
गोपनीय प्रतिवेदन ऑनलाइन करने पर चर्चा
बैठक में राजपत्रित अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन व अचल संपत्ति विवरण ऑनलाइन किए जाने पर चर्चा की गई, ताकि समय पर पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान का लाभ मिल सकें। शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों के लिए स्वास्थ्य सुविधा के लिए राज्य के मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों से कैशलेस इलाज की सुविधा दिए जाने, मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नकदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिवस किए जाने।
