जिस ऑफिस में थे चपरासी, उसी में बन गए अधिकारी, प्यून ने क्लियर किया सबसे टफ एग्जाम, लोग ऐसे मारते थे ताने
रायपुर: कहते हैं जहां चाह वहां राह होती है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के कार्यालय में चपरासी के पद पर काम करने वाले शैलेंद्र कुमार बांधे ने कड़ी मेहनत से राज्य के सबसे कठिन एग्जाम को पास किया है। बांधे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में बीटेक करने के बाद राज्य लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) कार्यालय में चपरासी के पद पर काम कर रहे थे। पांचवीं बार में पास की परीक्षा बांधे ने अपने पांचवें प्रयास में सीजीपीएससी-2023 परीक्षा पास की है। परीक्षा के रिजल्ट पिछले सप्ताह घोषित किए गए थे। उन्हें सामान्य श्रेणी में 73वीं रैंक और आरक्षित श्रेणी में दूसरी रैंक मिली है। बांधे ने कहा कि वह अपने माता-पिता की मदद के बिना ऐसा नहीं कर पाते, जिन्होंने हर फैसले में उनका साथ दिया। बांधे ने बताया कि इसी साल मई में उन्होंने सीजीपीएससी कार्यालय में चपरासी के पद पर नियुक्ति मिली थी। अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बांधे बिलासपुर जिले के बिटकुली गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता किसान हैं। फिलहाल पूरा परिवार रायपुर में रहता है। कैंपस प्सेलमेंट में नहीं हुआ शामिल बांधे ने बताया कि उन्होंने रायपुर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई की। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, उन्हें प्रमुख निजी फर्मों में नौकरी मिल सकती थी लेकिन उन्होंने ‘प्लेसमेंट इंटरव्यू’ में शामिल नहीं होने का फैसला किया क्योंकि वह सरकारी नौकरी करना चाहते थे। बांधे ने कहा कि उन्हें एनआईटी रायपुर में अपने एक सुपर सीनियर हिमाचल साहू से प्रेरणा मिली, जिन्होंने सीजीपीएससी-2015 परीक्षा में प्रथम रैंक हासिल की थी।