सस्ती जीवन रक्षक दवाएं नहीं लिख रहे सिम्स और जिला अस्पताल के डॉक्टर, मरीज परेशान
बिलासपुर। तमाम कोशिशों के बाद एक बार फिर सिम्स और जिला अस्पताल के डॉक्टर्स अपने पुराने रवैए पर आ गए हैं। वो जेनरिक दवाओं की जगह ब्रांडेड दवाएं लिखने लगे हैं। ऐसे में रियायती दर पर जेनरिक दवा उपलब्ध होने के बाद भी यह लोगों की पहुंच से दूर है।
सिम्स और जिला अस्पताल में धनवंतरी मेडिकल स्टोर चलाया जा रहा है। साथ ही पीएम मोदी का जन औषधि केंद भी संचालित है। यहां पर सस्ती जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध हैं। मगर, इसके बाद भी डॉक्टर जेनरिक दवाएं मरीजों को नहीं लिख रहे हैं।
दवा लिखते समय फिर से जेनरिक के बजाए ब्रांडेड दवा मरीज के पर्ची में लिखा जाने लगा है। शासन स्तर पर चिकित्सकों को निर्देशित किया है कि वे जेनरिक दवा ही लिखें। जरूरत पड़ने पर ही ब्राडेंड दवा मरीजों को दें।
सख्ती भरे निर्देश को देख शुरुआत में तो चिकित्सक जेनरिक दवा लिख रहे थे। मगर, समय के साथ कमीशन के चक्कर में फिर ब्रांडेड दवा लिख रहे हैं। खासकर सिम्स व जिला अस्पताल में मनमानी जारी है।
60 से 65 प्रतिशत तक सस्ती हैं दवाएं
जेनरिक दवाएं ब्राडेंड दवाओं से 60 से 65 प्रतिशत कम कीमत में उपलब्ध हैं। यदि सिट्रीजिन बाजार में 18 रुपये में उपलब्ध है, तो यह जेनरिक मेडिकल स्टोर में चार से पांच रपये के बीच में मिल जा रहा है। इसी तरह तमाम तरह की जीवन रक्षक दवाएं भी बेहद सस्ती दर में मौजूद हैं।