रायपुर का ऐसा हर्बल गार्डन, जहां पेड के नीचे बैठते ही नशा हो जाता है फुर्र
जैव विविधता दिवस पर आज हम आपको शासकीय आयुर्वेद कॉलेज के हर्बल गार्डन की सैर करा रहे हैं। यहां मौजूद 254 प्रकार की औषधीय प्रजातियों और 9 हजार से अधिक पौधों में छुपे हैं चमत्कारी फायदे। असिस्टेंट प्रोफेसर टीएस पावले और पीजी स्कॉलर वरुण ध्रुव बताते हैं, यह गार्डन पिछले 15 वर्षों से स्टेट मेडिसिनल प्लांट बोर्ड और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की साझेदारी से संचालित है।
हर्बल गार्डन सिर्फ पौधों का संग्रह नहीं, यह प्राकृतिक उपचार और आंतरिक शांति का केन्द्र बनता जा रहा है। यहां का वातावरण न केवल रोगों के उपचार में मदद करता है, बल्कि मानसिक सुकून और जैव विविधता के प्रति संवेदनशीलता भी विकसित करता है।
इस औषधीय पौधों के गार्डन में पहले आम लोगों की भी आवाजाही की अनुमति थी, लेकिन कई बार लोग यहां से पौधे लेकर चले जाते थे, जिससे पौधों की सुरक्षा और संरक्षण को नुकसान पहुंचा। इसके बाद संस्थान द्वारा आम लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
वर्तमान में यह गार्डन केवल संस्थान के रिसर्च स्कॉलर्स और अधिकृत शोध कार्यों के लिए ही खोला जाता है। यदि किसी व्यक्ति को औषधीय पौधों की आवश्यकता होती है, तो वे मेडिसिनल प्लांट बोर्ड से निर्धारित प्रक्रिया के तहत पौधे प्राप्त कर सकते हैं।