रायपुर में एक्टर सुशांत जैसी डेथ मिस्ट्री:परिजन ने पूछा कोई ऑटो में कैसे फांसी लगा सकता है, यह मर्डर है; फॉरेंसिक टीम ने बताया सुसाइड

 

फिल्म इंडस्ट्री गुरुवार को बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का जन्मदिन मना रही है। पिछले लगभग एक साल से इनकी मौत सुर्खियों में छाई हुई है। घर पर फांसी के फंदे से लटका इस एक्टर का शव मिला तो लोगों ने बेड और छत की कम ऊंचाई को लेकर सवाल खडे़ किए। कहा गया कि इस स्थिति में फांसी मुमकिन नहीं। गुरुवार को ही रायपुर शहर में भी एक मौत पर इसी तरह की बहस छिड़ गई है। उरला थाना इलाके के सोनडोंगरी नाले के पास एक युवक का शव मिला। यह लाश ऑटो से लटकी हुई थी। युवक का शव घुटनों के बल था और उसकी गर्दन से नायलॉन की रस्सी ऑटो से बंधी थी।

फांसी मुमकिन नहीं
जिस युवक की लाश मिली उसका नाम धनंजय शुक्ला था। 26 साल के धनंजय की मौत को लेकर परिजन ने कहा है कि यह मौत खुदकुशी नहीं हो सकती। धनंजय के पारिवारिक करीबी विशाल पांडे ने बताया कि ऑटो के पास बैठकर कोई कैसे फांसी लगा सकता है ? यह हत्या ही है। किसी ने धनंजय को मार दिया और फिर ऑटो से उसकी लाश बांधकर नाले के पास छोड़ दी। विशाल ने बताया कि धनंजय यहां अपने भाई अशोक शुक्ला के साथ रहता था। इनका पूरा परिवार यूपी के प्रतापगढ़ का रहने वाला है।

इस वजह से पुलिस कर रही सुसाइड का दावा
उरला थाना के प्रभारी अमित तिवारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि फांसी लगाकर मौत के मामले में धारणा होती है पैर हवा में झूलता मिलेगा और शरीर फंदे से लटका हुआ। मगर हर केस में ऐसा जरूरी नहीं है। रस्सी के दबाव और शरीर के वजह से गर्दन की हड्‌डी टूट जाती है और फौरन मौत हो जाती है। हमने फॉरेंसिक एक्सपर्ट से भी शव का परीक्षण करवाया। गले पर रस्सी के निशान को उन्होंने बारीकी से जांचा। फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने बताया कि युवक के गले में जो निशान है वो ऊपर की तरफ है। ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति खुद फंदे पर लटकता है। किसी ने हत्या की होती तो निशान में फर्क होता। बहरहाल पोस्टमार्टम के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।

होने वाली थी शादी
धनंजय के पारिवारिक परिस्थितियों को लेकर विशाल पांडे ने कहा कि किसी तरह की कोई परेशानी या तनाव की बात हमें नहीं पता। आमतौर पर ऐसा होने पर ही किसी व्यक्ति को तनाव होता है। हाल ही में धनंजय की शादी तय हुई थी। परिवार के लोग इसकी तैयारियों में जुटे थे, मगर अब इस खबर से सभी परेशान हैं। पेशे से ऑटो चलाने वाले धनंजय का जब शव बरामद किया गया तो उसकी जेब से 11 हजार रुपए मिले। पैसों की तंगी जैसी परिस्थिति भी नहीं थी।