रायपुर। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड के एक ऐसे कारनामे की, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। जी हां, हस्तशिल्प बोर्ड ने बिना किसी प्रस्ताव, अधिकार, अनुमति के हथकरघा विभाग के लिए लाखों की फोटोग्राफी करा ली। फिर पेमेंट के लिए भारी-भरकम बिल हथकरघा विभाग को भेज दी। बिल सामने आया, तो दोनों विभाग में खलबली मच गई। साथ ही इस पूरे घटनाक्रम के पीछे बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य हस्तशिल्प बोर्ड के इस अनोखे भ्रष्टाचार की कहानी शुरू हुई पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के दौरान। जब सारे एम्पोरियम बंद थे, तो हस्तशिल्प उत्पाद को ऑनलाइन बेचने के लिए इन उत्पादों के फोटोशूट का प्लान बना। हस्तशिल्प बोर्ड ने मार्च, मई, अगस्त, सितंबर अक्टूबर और नवंबर महीने में करीब ढाई हजार फोटोशूट कराए। 20 लाख रुपए की इस फोटोग्राफी में करीब 90 फीसदी हिस्सा हथकरघा उत्पादों का करा लिया गया। जबकि हथकरघा उत्पादों के उत्पादन और बिक्री के लिए अलग से छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा विकास एवं विपणन बोर्ड मौजूद है। हथकरघा विभाग के अधिकारी तब सन्न रह गए, जब उनके पास हस्तशिल्प बोर्ड की ओर से करीब 16 लाख रुपए के पेमेंट का बिल आया।