आबकारी विभाग:शराब दुकानों में अहाते खोले पर पार्किंग नहीं, सड़क पर खड़ी हो रहीं गाडि़यां, रोज शाम 6 से 8 लंबा जाम
शहर की शराब दुकानों में खुले अहातों ने लाखों को लोगों को परेशान कर दिया है। अधिकतर शराब दुकानें सड़कों पर हैं वहीं पर ही अहाते खोल दिए गए हैं। राज्य सरकार ने पहली बार सभी अहातों को निजी हाथों में सौंप दिया है। ठेकेदारों ने 45 से 95 लाख रुपए तक के शुल्क में इन अहातों का टेंडर लिया है।
इस वजह से यह जमकर मनमानी की जा रही है। अहातों में रुकने वाले लोग अपनी गाड़ियां सड़क पर खड़े कर देते हैं। इससे आने-जाने वालों को जमकर परेशानी होती है। पहले शराब खरीदने और बाद में उसे पीने के लिए लगने वाली भीड़ ने आम लोगों को हलाकान कर दिया है। शहर की मुख्य सड़कों से आना-जाना करने वाले लोग हर दिन इन दुकानों के सामने लगने वाले जाम में फंस रहे हैं। सरकारी ठेका होने की वजह से पुलिस भी इस पर ध्यान नहीं देती है।
शहर में अभी पंडरी, फाफाडीह, सुंदरनगर, एमजी रोड, पुराना बस स्टैंड, सड्डू, संतोषी नगर. पचपेढ़ीनाका, रिंग रोड, गंज मंडी, भाठागांव, लाभांडी, लालपुर, कटोरा तालाब समेत करीब दो दर्जन जगहों पर नए अहाते खोले गए हैं। इसमें ज्यादातर वहां के मुख्य सड़कों पर है। इस वजह से वहां सुबह से रात बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना रहता है। सबसे ज्यादा परेशानी शाम 6 से रात 9.30 बजे तक होती है।
इस समय में दुकानों और अहातों में हजारों लोगों का आना-जाना रहता है। इस वजह से जाम भी लंबा होता है। इतना ही नहीं अधिकतर बार शराब के नशे में अहातों के बाहर शराबी सड़क से आने-जाने वाले लोगों को भी परेशान करते हैं। हैरानी की बात है कि कई तरह की शिकायतों के बाद पुलिसवाले वहां सिस्टम बनाने की लिए कभी नहीं जाते।
लड़ाई-झगड़ा, चाकू चलना रोज की बात
शराब दुकानों के अहातों में शराब पीने के बाद लोगों में रोज रोज लड़ाई हो रही है। कई बार तो हत्याएं तक हो चुकी हैं। चाकू चलना और डरा-धमका पर्स, मोबाइल छिनना आम बात हो गई है। पुलिसवाले शराबी हैं रोज का कम है कहकर एफआईआर भी नहीं करते हैं। समझाइश देकर ही मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जाती है। यह परेशान तब और बढ़ जाती है जब शराबी लोग सड़क पर आकर आम लोगों से विवाद करने लगते हैं। कई बार सड़क पर चाकू लहराने की भी शिकायतें आ चुकी हैं।