बेचैनी में बीती लखमा की पहली रात : रखा गया है CCTV की निगरानी में, खाना पड़ेगा ED की ओर से ही दिया गया खाना
रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार की सुबह वे ED दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे थे। कोर्ट ने उन्हें 7 दिन के लिए ED की रिमांड में भेज दिया है। ED की रिमांड में उन्हें सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है। उनके वकील रोजाना आधा घंटे उनसे मुलाकात कर सकेंगे। कवासी लखमा की तबियत खराब रहती है, ऐसे में कोर्ट ने उन्हें डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब्ड दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वे घर का खाना नहीं खा सकते हैं। उन्हें ED द्वारा दिया गया ही भोजन लेना होगा। टीएस सिंहदेव बोले- ED की प्रक्रिया को बना दी गई सजा कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि, कवासी मंत्री थे तब से मामला चल रहा है क्यों कार्रवाई नहीं की गई? अब चुनाव करीब है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। ऐसा माहौल बन गया है कि लोग बात करने में घबराते हैं। लोग आकर कहते हैं मैं भी किसी के खिलाफ कुछ न कहूं। ED की कार्रवाई में प्रक्रिया को ही सजा बना दी गई है। इससे समझा जा सकता है कैसा वातावरण बना है. लंबे समय तक बेल नहीं होता सिर्फ आरोप लगाए जाते हैं। ED के वकील बोले- कमीशन के पैसों से बनवाया घर और कांग्रेस भवन सुनवाई के बाद बाहर निकले ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि, यह कार्रवाई 2 साल तक चली, जिसमें 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ रुपए का है। ये राशि सुकमा में बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और सुकमा कांग्रेस भवन के निर्माण में लगी है। उन्होंने आगे बताया कि, गिरफ्तार अरुणपति त्रिपाठी और अरविंद सिंह ने पूछताछ में बताया था कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के पास हर महीने कमीशन पहुंचता था। अरविंद सिंह ने बताया था कि, शराब कर्टल से हर महीने लखमा को 50 लाख रुपए दिए जाते थे। यही नहीं 50 लाख रुपए के ऊपर भी 1.5 करोड़ रुपए और दिया जाता था। इस हिसाब से 2 करोड़ रुपए पूर्व आबकारी मंत्री को हर महीने कमीशन के तौर पर मिलते थे।