मोक्षित का कारनामा : बिना जरूरत डीके में 96 लाख का क्लीनिक खोला, 7 साल से नहीं खुला जिसका ताला
रायपुर। 660 करोड़ के रीएजेंट सहित अन्य उपकरणों की खरीदी के मास्टर माइंड मोक्षित कार्पोरेशन के संचालकों का एक और कारनामा सामने आया है। सात साल पहले डीके अस्पताल में बिना जरूरत के 96 लाख का डायबिटिक क्लीनिक तैयार किया था। बिना प्रशासकीय स्वीकृति के पूरा किए गए इस काम के लिए उसे 56 लाख का भुगतान भी हो गया। डायबिटिक से संबंधित विभाग डीके अस्पताल में था ही नहीं इसलिए आज तक उसका ताला नहीं खुला है। क्लीनिक सात साल से बंद है। सूत्रों के अनुसार डीके अस्पताल में सुपरस्पेशलिटी सुविधा उपलब्ध कराने की आड़ में वहां भी दवा कार्पोरेशन के अफसरों के साथ इस दवा सप्लायर एजेंसी ने बड़ा खेला किया।
2.59 करोड़ का कार्डियक सेटअप भी
डीके अस्पताल में 2 करोड़ 59 लाख 60 हजार का कार्डियक सेटअप भी तैयार कराया गया था। पूर्व में हृदय संबंधी रोगों के इलाज की सुविधा डीके अस्पताल में देने की थी। इसके लिए करोड़ों के उपकरण भी खरीदे गए मगर बाद भी कार्डियक सेंटर आंबेडकर अस्पताल में रह गया और कार्डियक सेट अप भी बेकार हो गया। ट्रंकी प्रोजेक्ट फॉर कार्डियक सेटअप का काम भी मोक्षित कार्पोरेशन द्वारा पूरा किया गया था।
कई तरह की अन्य योजना भी
डीके अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी बनाने के लिए बेहद हाई-फाई योजना सीजीएमएससी के माध्यम से बनाई गई थी। इस योजना को पूरा करने के लिए पचास फीसदी काम मोक्षित के पास ही था। काम पूरा हुआ मगर आम मरीज के लिए कुछ योजनाएं ही फायदे की रही बाकी का लाभ दवा कार्पोरेशन के अधिकारियों सहित अन्य लोगों को हुआ।