पति के अपमान पर पत्नी ने लिया नहीं नहाने का प्रण, जमींदार ने बनवा दिया ऐसा तालाब जो 150 साल बाद भी नहीं सूखा
• devendra kumar
दुर्ग: छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के एक गांव में लगभग 150 साल पहले एक जमींदार ने अपनी पत्नी के लिए तालाब बनवाया था। स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि वह तालाब कभी सूखा नहीं है और आज भी वहां के निवासियों के लिए जीवन रेखा की तरह है। गांव के लोगों की दैनिक जल आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि दुर्ग शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर कंडारका गांव में स्थित 'बड़ा तालाब' स्थानीय निवासियों और आसपास के 6 गांवों के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है, क्योंकि गर्मी के मौसम में इस क्षेत्र के अन्य तालाब और संसाधन सूख जाते हैं। इस बीच दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल ने भी कहा कि यह तालाब कभी सूखा नहीं है और इसके संरक्षण तथा पुनरुद्धार के लिए योजना तैयार की जाएगी।
गांव वाले उड़ाते थे सरपंच का मजाक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके परनाना गुरमिन गौटिया (जो उस समय जमींदार थे) ने अपनी पत्नी के लिए यह तालाब बनवाया था। उन्होंने कहा कि 150 साल पहले कंडारका में पानी की कमी थी और स्थानीय लोगों को अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पास के गांवों में जाना पड़ता था। लोगों ने बताया कि गौटिया की पत्नी को नहाने के लिए दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव में जाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि कुछ गांव वाले उनका इस बात के लिए मजाक उड़ाते थे कि एक जमींदार भी अपने गांव में अपनी पत्नी के लिए पानी का इंतजाम नहीं कर पाता।
पत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए बनवा दिया तालाब
उन्होंने बताया कि इस घटना से जमींदार की पत्नी इतनी आहत हुई कि उन्होंने तब तक स्नान न करने का निर्णय लिया जब तक उनके गांव में तालाब नहीं बन जाता। लोगों ने बताया कि अपनी पत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए जमींदार ने तालाब बनवाने की योजना बनाई। तालाब खोदने के लिए बाहर से कुल्हाड़ियों और फावड़ों के साथ लगभग 100 मजदूरों को बुलाया गया था और यह काम पांच महीने तक चलता रहा। तब से यह तालाब क्षेत्र के लगभग छह गांवों के लिए पानी का निरंतर स्रोत बना हुआ है, क्योंकि यह कभी सूखता नहीं है।
