छत्तीसगढ़ में है मूंछ वाले हनुमानजी का एकमात्र मंदिर, दर्शन मात्र से पूरी होती है भक्तों की मनोकामनाएं
रायपुर. देशभर में आज हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के एक ऐसे 150 साल पुराने मंदिर के बारे में बताने जा रहे, जहां मूंछ वाले हनुमानजी विरामान हैं. यह हनुमान मंदिर राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में है. हनुमान जी के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. यहां दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है.
मूंछ वाले प्राचीन हनुमान मंदिर डोंगरगढ़ की महावीर तालाब के पास स्थित है, जिसे राजा महाराजाओं ने स्थापित किया है. यह मंदिर लगभग 150 साल पुराना है. यहां हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं.
मंदिर के पुजारी आशीष शुक्ला ने बताया कि यह मंदिर 150 से 200 साल पुराना है. यहां जो भक्त आते हैं उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. यहां जन्माष्टमी, हनुमान जयंती, रामनवमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. यहां पर मनोकामना ज्योति भी रखी जाती है.
हर शनिवार और मंगलवार को होती है विशेष पूजा
कहा जाता है राजा रजवाड़े के समय तीन हनुमान जी एक सिंगारपुर वाले, एक विचारपुर वाले और तीसरे मूंछ वाले हनुमान जी अपने स्थान पर जाने के लिए निकले थे और वो विश्राम के लिए यहां रुके, जो यहां ही विराजमान हो गए. तभी से तीनों हनुमान जी अपने-अपने स्थान पर विराजमान हैं. यहां प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को विधि विधान से विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इसके अलावा अभिषेक किया जाता है.