अब जनता कहां जाए... रायपुर में बिजली विभाग की लापरवाही ने लोगों को दी टेंशन, चार गुना ज्यादा आ रहा बिल
रायपुर: राजधानी में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग द्वारा शहर में पुराने बिजली मीटरों को बदलकर नए डिजिटल मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में गंभीर लापरवाहियां सामने आ रही हैं। दरअसल, मीटर बदलने की जिम्मेदारी जिस अनुबंधित एजेंसी को सौंपी गई है, वह पुराने मीटर की अंतिम रीडिंग को समय पर अपडेट नहीं कर रही है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है, क्योंकि बिजली विभाग के कर्मचारी ऐसे मामलों में अनुमानित (अंदाजे पर आधारित) बिल बनाकर उपभोक्ताओं को भेज रहे हैं। वहीं जब अगली बार वास्तविक रीडिंग के आधार पर बिल जनरेट किया जाता है, तो उसमें करीब 50 से 55 दिन की खपत जोड़ दी जाती है। इससे उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक की हाफ बिजली बिल योजना का लाभ नहीं मिल पाता और उन्हें दो महीने का संयुक्त बिल थमा दिया जाता है, जिसकी राशि 1,500 से 2,000 रुपये तक पहुंच रही है। कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि पुराने मीटर के समय उनका मासिक बिल 400 से 500 रुपये आता था, जबकि नए मीटर लगने के बाद बिल 800 से 900 रुपये तक पहुंच गया है। इस विसंगति को लेकर कई लोगों ने बिजली विभाग से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। बिना तैयारी बदल रहे मीटर राजधानी के उपभोक्ताओं ने बताया कि बिजली विभाग बिना सूचना के मीटर बदल देता है और न ही पुरानी रीडिंग की रसीद उपभोक्ता को दी जाती है, जिससे उन्हें यह समझने में मुश्किल होती है कि किस आधार पर बिल तैयार किया गया है। बिजली विभाग की इस लापरवाही से नागरिकों में नाराजगी है।