9 साल बाद जिंदा मिली पत्नी…पति मृत मानकर बसा चुका था दूसरा घर, एक हादसे ने बिछड़ा दिया था दोनों को
भरतपुर: अपना घर आश्रम में भावनाओं से भरा एक पल उस समय देखने को मिला, जब नौ साल पहले बिछड़ी तारा नाम की महिला अपने बेटे और भाई से मिली। यह घटना साल 2016 की है। जब छत्तीसगढ़ के गांव नौरंगपुर की रहने वाली तारा गर्भवती अवस्था में अपने गांव से नजदीकी मेले में गई थी। लेकिन मानसिक संतुलन बिगड़ जाने से वह गलत ट्रेन में बैठ गई और घर नहीं लौट सकी। 27 मार्च 2016 को उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त अवस्था में पुलिस थाना सदर, हिंडौन-करौली द्वारा उपचार एवं पुनर्वास के लिए भरतपुर स्थित अपना घर आश्रम में भर्ती कराया गया। आश्रम में रहते हुए तारा ने अगस्त 2016 में एक बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम आश्रम परिवार ने ‘हर्ष’ रखा।
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