राजधानी में कोरोना के केस बढ़ने के साथ ही कुछ ऐसे संक्रमित सामने आ रहे हैं, जिनमें मरीजों में कोई लक्षण नहीं होते। एक-दो दिन खांसी चलने पर सीटी स्कैन कराने पर पता चलता है एक लंग्स ही 95 प्रतिशत इफेक्ट हो गया है। कुछ ऐसे केस भी हैं जिनमें केवल तीन-चार दिन के बुखार में मरीजों की मौत हो जा रही है। दो दिन पहले एक 40 साल के मरीज की अस्पताल के गेट पर मौत हो गई थी।
मरीज की कोरोना जांच में देरी इसलिए हुई क्योंकि बुखार के अलावा उसे कोई लक्षण नहीं थे। न तो गंध की क्षमता खत्म हुई थी और न ही भोजन से स्वाद ही गया था। सर्दी-जुकाम या खांसी भी नहीं थी। मरीज को जब अस्पताल ले जाया गया, तब शंका के आधार पर जांच की गई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। बड़े अस्पताल ले जाते ही मरीज की मौत हो गई।
प्रदेश में फिलहाल सबसे ज्यादा केस रायपुर में मिल रहे हैं। डाक्टरों और विशेषज्ञों का मानना है कि जितने केस मिल रहे हैं उसकी अनुपात जांच को लेकर लोग खुद से सामने नहीं आ रहे हैं। भास्कर पड़ताल में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है। दरअसल, राजधानी के छोटे बड़े सभी अस्पतालों में हर दिन करीब ढ़ाई से तीन हजार माइनर और मेजर सर्जरी हो रही है।
अस्पतालों में बड़ी सर्जरी के पहले अनिवार्य रूप से कोरोना जांच की जा रही है। अभी जो कोरोना टेस्ट की जांच का जो आंकड़ा सामने आ रहा है उनमें ज्यादातर ऑपरेशन करवाने वाले ही हैं। हर दिन हो रही करीब 3 हजार कोरोना से ज्यादा जांच का 40 प्रतिशत से अधिक टेस्ट अस्पतालों में हो रहा है। ये सभी सर्जरी के लिए जांच करवाने वाले हैं।
डाक्टरों के अनुसार अस्पतालों में सर्जरी के लिए आने वाले जिन मरीजों की कोरोना जांच करवाई जा रही है, उसमें से करीब 3 फीसदी मरीज पॉजिटिव निकल रहे हैं। रायपुर में पिछले 6 दिन में 722 कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। प्रदेश में इस दौरान निकले कुल 1972 मरीजों का ये करीब 37 प्रतिशत है।
बड़े अस्पतालों में ऑपरेशन
राजधानी में डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में रोज 4 से 5 बड़ी और 7 से 10 माइनर सर्जरी हो रही है, जबकि दाऊ कल्याण सिंह अस्पताल डीकेएस में 22 से 25 के मेजर सर्जरी हो रही है। इन दोनों ही बड़े अस्पतालों में सर्जरी से पहले मरीजों की एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है।
तारीख | एंटीजन | ट्रुने | आरटीपीसीआर |
29 जनवरी | 1498 | 459 | 306 |
30 जनवरी | 1509 | 228 | 509 |
31 जनवरी | 437 | 54 | 183 |
1 फरवरी | 1869 | 404 | 596 |
2 फरवरी | 2144 | 335 | 511 |
3 फरवरी | 2439 | 567 | 494 |
4 फरवरी | 2229 | 471 | 549 |
5 फरवरी | 2210 | 332 | 515 |
6 फरवरी | 2073 | 454 | 436 |
(नोट 40 फीसदी जांच अस्पतालों में गंभीर मरीजो की )
इसी तरह शहर के प्राइवेट अस्पतालों में देवेंद्रनगर स्थित बड़े अस्पताल में हर दिन 10 से 20 बड़ी और 20 से 30 के बीच माइनर, लालपुर के बड़े अस्पताल में 6 से 8 मेजर और करीब इतनी ही माइनर सर्जरी हो रही है। पता चला है हर दिन प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना की जांच में करीब 200 आरटीपीसीआर, करीब 50 ट्रूनेट और 100 से 150 के बीच एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं।
आम लोगों के लिए भीड़ कम
कोरोना जांच के लिए शहर में छोटे बड़े अस्पतालों के अलावा मोबाइल वेन के जरिए भी जांच की जा रही है। लेकिन आम लोग सर्दी खांसी बुखार या कोरोना के अन्य लक्षण होने पर भी जांच नहीं करवा रहे हैं। फरवरी के शुरूआती हफ्ते में मिले कोरोना में ज्यादातर केस राजधानी में ही मिले हैं। आउटर के ब्लॉक में केवल तिल्दा में ही कोरोना के मरीज मिले। कोरोना जांच की रफ्तार को बढ़ाने के लिए प्रशासन की ओर से एक बार फिर जगह जगह जांच का सिस्टम बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है।