स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी के खिलाफ महिलाओं ने की प्रताड़ना की शिकायत, महिला आयोग ने जांच के निर्देश
रायपुर। स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी के खिलाफ महिलाओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत महिला आयोग में की गई थी। सुनवाई में शिकायतकर्ता सात महिलाओं के साथ 18 लोग उपस्थित रहे। आयोग ने निर्देश दिया कि प्रकरण का निराकरण होने तक किसी भी कर्मचारी को सेवामुक्त नहीं किया जाए।
स्वच्छ भारत मिशन के प्रबंधक ने सुनवाई में बताया कि उनके विभाग में 100 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं। विभाग में तीन सदस्यीय आंतरिक परिवार समिति का गठन किया गया है। समिति में कोई महिला सदस्य नहीं होने से आयोग ने समिति के गठन को गलत पाया।
महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने सुनवाई में सभी आवेदिका सहित उपस्थित लोगों से उनकी परेशानियों को सुना। प्रबंधक को समझाया कि तत्काल आंतरिक परिवाद समिति का गठन करें, जिसमें पांच सदस्य होना अनिवार्य है। साथ ही समिति में आधे से अधिक महिलाओं को रखना अनिवार्य है। आयोग ने प्रबंधक अधिकारी को निर्देशित किया कि इस प्रकरण की विस्तार से जांच कर 15 दिन के भीतर जांच कर आयोग के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत किया जाएं।
आयोग की ओर से अधिवक्ता शमीम रहमान को आंतरिक परिवाद समिति की निष्पक्ष जांच के लिए नियुक्त किया गया। आंतरिक परिवाद समिति की बैठक में सभी आवेद और प्रकरण से संबंधित गवाही देने वाले सभी सदस्य अपना लिखित बयान शपथ पत्र में भी प्रस्तुत कर सकते हैं अथवा मौके पर अपना बयान दर्ज करा सकते हैं।
आयोग ने स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी के द्वारा गूगल मीट एवं अन्य निर्देशों पर नियंत्रण रखने का भी आदेश दिया है, ताकि बदले की भावना या दुर्भावना से किसी कर्मचारी को कार्य मुक्त न किया जा सके। आगामी सुनवाई में प्रकरण का निराकरण किया जाएगा।