सरकार बदलते ही प्रशासनिक पदों पर चेहरे बदलने की सुगबुगाहट तेज, कई अफसरों की हो सकती है अदला-बदली
प्रदेश में सरकार के बदलते ही प्रशासनिक अधिकारियों के चेहरे भी बदल सकते हैं। शपथ ग्रहण होने से पहले कुछ अधिकारियों के चेहरे पर चमक तो कुछ के चेहरे फीके पड़ गए हैं। प्रशासनिक क्षेत्र में बड़े पदों पर बैठे पूर्व सरकार के करीबी अधिकारियों के हटाए जाने को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। कांग्रेस सरकार में उपेक्षा का शिकार रहे अधिकारियों की बड़ी जिम्मेदारी के साथ वापस लौटने की संभावना है। सरकार के करीब रहने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के मेल-मिलाप का दौर भी तेज हो गया है। वे विधानसभा पहुंचने वाले जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर बधाई देते हुए उन्हें पुराने संबंधों की याद दिला रहे हैं। वर्तमान में पदस्थ अफसर भी इस रेस में शामिल हैं।
भूपेश सरकार के बेहद करीबी रहे ये अफसर
पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में कुछ अफसर बेहद करीबी रहे हैं और उनके पास कई बड़े विभागों की जिम्मेदारी रही है। इनमें अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सिद्धार्थ कोमल परदेसी, अंकित आनंद, डा. एस.भारतीदासन, मनोज कुमार पिंगुआ, प्रसन्ना आर, टोपेश्वर वर्मा, भीम सिंह, किरण कौशल ,जेपी मौर्य, संजीव झा, दीपक सोनी, विनीत नंदनवार, डा. सर्वेश्वर भुरे, सौरभ कुमार, अन्बलगन पी, अलरमेलमंगई डी, पदुमसिंह एल्मा, नीलम नामदेव एक्का, डोमन सिंह व अन्य शामिल हैं।
सीएस के विकल्प की भी तलाश
वर्तमान सरकार में मुख्य सचिव पद के लिए मौजूदा सीएस अमिताभ जैन के अलावा अन्य विकल्प भी हैं जिन पर अमल किया जा सकता है। इनमें वर्ष-1991 बैच की आइएएस रेणु पिल्ले, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू वरिष्ठ अफसर हैं। हालांकि सरकार चाहे तो अन्य अधिकारियों को भी पदोन्नत करके मुख्य सचिव बना सकती है।