झोपड़ी में रहता है बस्‍तर के पहले सांसद का परिवार, आज भी विकास की बाट जोह रहा है इड़जेपाल गांव
बस्तर के पहले सांसद मुचाकी कोसा इड़जेपाल गांव से निकलकर सांसद बने और राजनीति में दिल्ली तक की यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति बने। मुचाकी कोसा के बेटे मुचाकी देवा व गांव के वेट्टी जोगा भी विधायक बने, पर बस्तर की राजनीति में दो विधायक और एक सांसद देने वाला इड़जेपाल गांव आज भी विकास की बाट जोह रहा है। राज्य में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 19 अप्रैल को एकमात्र बस्तर लोकसभा सीट पर चुनाव होना है राजपरिवार के कहने पर विधायक बने थे मुचाकी देवा वे कहते हैं कि जब उनके परदादा सांसद बने थे, तब इस क्षेत्र में बस्तर के राजपरिवार का खासा प्रभाव था। राजा ही क्षेत्र के विकास से जुड़े मामले तय किया करते थे। उनके दादा मुचाकी देवा भी राजपरिवार के कहने पर विधायक बने थे। बाद में बस्तर राजवंश के विलय के बाद यह क्षेत्र सरकार के अधीन आया। वे मानते हैं कि 1980 के दशक में नक्सल गतिविधियां बढ़ने के बाद से इड़जेपाल भी नक्सल प्रभाव में रहा। गांव में कई वर्षों तक विकास कार्य नहीं हुए और गांव पिछड़ा रह गया।