स्वास्थ्य विभाग में घोटाला सीएमएचओ ने अपने चहेते कर्मचारियों को किया सीधा प्रमोशन मामले की दोबारा होगी जांच
स्वास्थ्य विभाग बस्तर में बड़ा घोटाला का मामला सामने आया है। दरअसल, पूर्व सीएमएचओ ने अपने चहेते चतुर्थ वर्ग 5 कर्मचारियों को सीधे तौर पर प्रमोशन देकर उन्हें बाबू बना दिया। इस प्रमोशन में सीएमएचओ आर के चतुर्वेदी ने न तो राज्य सरकार की अनुशंसा ली और न ही किसी प्रकार की बैठक ली। उन्होंने उन सभी कर्मचारियों को जिसमें ड्राईवर, प्यून और स्वीपर के पद में काम कर रहे थे उन्हें सीधे पदोन्नति देकर बाबू बना दिया गया। उन्होंने प्रमोशन को लेकर राज्य सरकार से किसी तरह का कोई आदेश नहीं लिया। इस मामले की शिकायत के बाद तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल ने जांच टीम गठित की थी। जांच में तत्कालीन सीएमएचओ आर के चतुर्वेदी और स्थापना लिपिक दोषी पाए गए थे। कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दिया था। अब 3 साल बाद फिर से इस घोटाले की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं सीएमएचओ संजय बसाख ने बताया कि, मामला नवंबर 2020-21 का है। उस समय तत्कालीन सीएमएचओ ने 15 कर्रमचारियों को नियमों के खिलाफ जाकर बाबू बना दिया था। इस मामले की जांच करा कर कलेक्टर ने सरकार को रिपोर्ट भेज दी थी और अब फिर से मामले की जांच की जा रही है। इस जांच रिपोर्ट को पूर्व बस्तर कमिश्नर रहे दिलीप वासनिकर और ज्वाइंट डायरेक्टर स्वास्थ्य विभाग बस्तर को सौंपा गया है और दोबारा से जांच शुरू की गई है। विभागीय जांच के बाद इस पर राज्य सरकार कार्रवाई करेगी। वहीं मामले के खुलासे के बाद अब स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और 15 कर्मचारियों के प्रमोशन को रद्द कर दिया गया है।
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