15 दिसंबर के बाद लग सकती है आचार संहिता, इस बार प्रत्यक्ष होगा महापौर-अध्यक्ष चुनाव
• devendra kumar
प्रदेश के नगर निगम और नगर पालिकाओं में महापौर और अध्यक्षों का चुनाव डायरेक्ट होगा। शासन ने इसके लिए अध्यादेश भी तैयार कर लिया है। सूत्र बताते हैं कि अगली कैबिनेट बैठक में अध्यादेश को मंजूरी दी जाएगी।
बताया जाता है छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने भी अपनी सर्वे रिपोर्ट शासन को सौंप दिया है। इसका भी शासन ने अध्यादेश तैयार कर लिया है। दोनों प्रस्ताव को एक साथ अगली कैबिनेट बैठक में मंजूर किया जाएगा। इसके बाद राजपत्र में इसका प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद ही निकायों में महापौर- अध्यक्ष और पार्षदों के लिए लॉटरी से आरक्षण किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने निकाय चुनाव में महापौर-अध्यक्षों और पार्षदों के आरक्षण की 25 सीलिंग को भी हटाने की अनुशंसा की है। इससे कहीं ओबीसी की सीटें बढ़ेंगी तो कहीं पर घटेगी भी। नगर निगम रायपुर में ओबीसी की सीटें भी बढ़ सकती है। वहीं जहां एससी-एसटी की का प्रतिशत कम हैं, वहां ओबीसी की सीटें बढ़ सकती है। शासन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार ही 50 प्रतिशत से अधिक नहीं करने का मासौदा तैयार किया है। इस पर अगली कैबिनेट में मुहर लगना बाकी है।
15 के बाद लग सकती है आचार संहिता
चर्चा है कि निकाय चुनाव के लिए 15 दिसंबर के बाद कभी भी आचार संहिता लग सकती है। क्योंकि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 11 दिसंबर को किया जाएगा। इसके पहले सभी निकायों को मतदाता सूची में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके युवाओं के नाम जोड़ने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मतदाता सूची की शुद्धता भी करने को कहा, ताकि बाद में मतदाता सूची को लेकर किसी प्रकार की आपत्ति न आए।
