सीएम साय की मौजूदगी में बैठक : राइस मिलर और सरकार के बीच गतिरोध खत्म होने के आसार, बात हुई, मिलर आज करेंगे फैसला
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राइस मिलर्स और सरकार के बीच कस्टम मिलिंग को लेकर कई दिनों से चल रहा गतिरोध अब समाप्त होने के आसार हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के बीच वार्ता हुई है। इस दौरान सरकार की ओर से मिलरों को कुछ राहत देने के बाद भी सामने आ रही है। लेकिन मिलर्स एसोसिएशन का कहना है कि शनिवार को एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक बिलासपुर में रखी गई है। इस बैठक में सरकार से हुई वार्ता की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद कार्यकारिणी जो फैसला करेगी उसे मान्य किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में राइस मिलरों और सरकार के बीच विरोध इस बात को लेकर था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का 2021-22 से लेकर आगे के वर्षों का मिलिंग का बिल बकाया है। यह राशि करीब 5- 6 हजार करोड़ रुपए की होने का दावा मिलर करते हैं। दूसरी बात ये कि मिलरों को जो प्रोत्साहन राशि 120 रुपए प्रति क्विंटल दी जाती थी उसे घटाकर 60 रुपए कर दिया गया था। इसी प्रकार पुराने बारदानों की कीमत भी अदा नहीं की गई थी। इन मुद्दों को लेकर विरोध में उतरे मिलरों ने इस सीजन की मिलिंग के लिए सरकार से अनुबंध नहीं किया था। इसकी वजह से धान उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव भी नहीं हो पा रहा था। इस बैठक में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्यमंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, सहित मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार बैठक में ये बात हुई है कि मिलरों को मिलिंग के लिए प्रोत्साहन राशि 90 रुपए प्रति क्विंटल दी जाएगी। इसी तरह मिलरों की बकाया राशि के मामले में सीएम ने कहा है कि इस संबंध में कैबिनेट की बैठक में विचार करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। यह भी तय हुआ है कि मिलर पुराने बारदाने मार्कफेड को देंगे। धान के परिवहन व्यय संबंधी विषय पर भी बात हुई है।