क्या है 'बारहसिंगा साइक्लोन'... जिसे पार नहीं कर पाता बड़े से बड़ा शिकारी, ये राज जानकर चौंकेंगे आप
यूं तो धरती पर मौजूद ज्यादातर जानवरों को कुदरत ने उनकी सुरक्षा के लिए एक कवच दिया है। लेकिन, बारहसिंगा वो जानवर है, जिसने अपने लिए एक अनोखा कवच खुद से बना लिया है। बारहसिंगा को अक्सर कमजोर जीव माना जाता है, और इसीलिए खतरे का सामना करने पर ये एक अद्भुत रणनीति अपनाते हैं। दरअसल, बारहसिंगा का ग्रुप खतरा महसूस होने पर एक घूमते हुए समूह का गोलाकार निर्माण करता है, जिसे 'बारहसिंगा साइक्लोन' कहा जाता है। ऐसा करने से शिकारियों के लिए इनमें से किसी एक जानवर को निशाना बनाना लगभग असंभव हो जाता है। इनके इस अनोखे व्यवहार को पिछले दिनों एक ड्रोन फुटेज में कैद किया गया था। बारहसिंगा इस चक्रवाती संरचना का इस्तेमाल खुद को खासकर भेड़ियों, भालुओं और यहां तक कि इंसानों जैसे शिकारियों से बचाने के लिए करते हैं। बाहरी घेरा बनाते हैं ताकतवर बारहसिंगा बारहसिंगा की यह रणनीति इतनी असरदार है कि इसे 2019 में एक डॉक्यूमेंट्री 'नेचर: वाइल्ड वे ऑफ द वाइकिंग्स' में भी दिखाया गया था। इसमें 1000 CE के एक वाइकिंग को धनुष और तीर से बारहसिंगों के एक साइक्लोन पर निशाना लगाते हुए दिखाया गया था। इसके बाद हाल ही में ली गई ड्रोन फुटेज ने इसे और भी ज्यादा स्पष्ट रूप से कैद कर लिया।ड्रोन फुटेज में रूस के उत्तरी इलाके लोवोजेरो में, सैकड़ों बारहसिंगों के एक विशाल साइक्लोन के तौर पर देखा गया। यह साइक्लोन बाहर से एक भंवर की तरह दिखाई देता है। इसके केंद्र में सबसे कमजोर सदस्य, उदाहरण के तौर पर युवा हिरण के बच्चे सुरक्षित रहते हैं। वहीं, ताकतवर बारहसिंगा बाहरी तरह रहते हैं और सुरक्षा के कई घेरे बना लेते हैं।