विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होना चाहते हैं शराब घोटाले के आरोपी विधायक कवासी लखमा.. मांगी कोर्ट से इजाजत, फैसला कल..
रायपुर: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी है। उनके वकील ने अदालत में इससे संबंधित आवेदन दायर करते हुए तर्क दिया कि एक जनप्रतिनिधि के रूप में उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेने का अधिकार है और इससे उन्हें वंचित नहीं किया जाना चाहिए। वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक पूर्व फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इसी तरह के एक मामले में एक सांसद को विधानसभा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। क्या कहता है कानून? इस मुद्दे पर विधानसभा के पूर्व सचिव सी.एस. गंगराड़े ने कहा कि विधानसभा का अधिकार क्षेत्र आपराधिक मामलों में हस्तक्षेप करने का नहीं होता। यह विशेषाधिकार हनन का मामला भी नहीं बनता और इस पर अंतिम निर्णय अदालत ही करेगी। इस बीच, इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने कवासी लखमा का समर्थन करते हुए कहा कि वह एक जनप्रतिनिधि हैं और उनके खिलाफ अब तक कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। इसलिए उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए। वहीं, भाजपा विधायक सुनील सोनी ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि जनता के पैसों के गबन का आरोप झेल रहे व्यक्ति को जनता की आवाज उठाने का हक नहीं है। उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों में अंतिम निर्णय अदालत का ही होता है। कोर्ट का निर्णय कल आएगा गौरतलब है कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा इस समय शराब घोटाले के मामले में न्यायिक रिमांड के तहत जेल में बंद हैं। उनके विधानसभा सत्र में भाग लेने के अनुरोध पर कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुन ली हैं और इस पर फैसला 20 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रखा गया है। अब देखना होगा कि अदालत क्या निर्णय लेती है और यह मामला आगे क्या मोड़ लेता है।