छत्तीसगढ़ में वनरक्षक भर्ती में गड़बड़ी का आरोप, पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने की केंद्रीय जांच की मांग
रायपुर। प्रदेश में पुलिस भर्ती के बाद अब वनरक्षकों की भर्ती में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इस संबंध में पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स वी. श्रीनिवास राव पर गंभीर आरोप लगाते हुए केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत के आधार पर केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखकर जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वन विभाग में पहले कभी इतना भ्रष्टाचार नहीं था. उन्होंने आरोप लगाया कि वनरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं की गई हैं और कैम्पा योजना के तहत भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने बताया कि वनरक्षकों के 1,500 पदों के लिए नवंबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच बालोद, सरगुजा, महासमुंद, जशपुर, कांकेर, रायगढ़, कोरिया, बीजापुर, कवर्धा, राजनांदगांव, कोण्डागांव, जगदलपुर, रायपुर, धमतरी, बिलासपुर और कोरबा में शारीरिक परीक्षा आयोजित की गई थी. इस भर्ती के लिए 4.25 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. ननकीराम कंवर ने बताया कि फिजिकल टेस्ट के लिए नियमों का पालन नहीं किया गया. सरकार के आदेश में स्पष्ट निर्देश था कि सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच पर्याप्त रोशनी में परीक्षा आयोजित की जाए, लेकिन कई जिलों में कृत्रिम रोशनी में परीक्षा कराई गई, जो कि नियमों के विरुद्ध है. उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में टाइमिंग टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को मशीनों की आपूर्ति और संचालन का टेंडर दिया गया था. 16 नवंबर को बीजापुर, दंतेवाड़ा और रायगढ़ में जब उम्मीदवार फिजिकल टेस्ट के लिए पहुंचे, तो एजेंसी मशीनें उपलब्ध कराने में असफल रही. इसके अलावा कई मशीनें सही ढंग से काम नहीं कर रही थीं, जिससे कई केंद्रों में भगदड़ की स्थिति बनी. रायगढ़ डीएफओ के पत्र में भी उल्लेख किया गया है कि रात में नापजोख की कार्रवाई की गई. कंवर ने हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने करीबियों को मनमाने तरीके से करोड़ों रुपये के ठेके दिलाए. उन्होंने यह भी दावा किया कि कैम्पा योजना के बजट का दुरुपयोग किया. कंवर ने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया की गोपनीयता बनाए रखने के नियमों का उल्लंघन किया गया. एजेंसी ने स्थानीय लोगों की मदद से मशीनों का संचालन किया, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं. उन्होंने कहा कि इस एजेंसी को 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है, लेकिन उसने बेहद गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम किया है और चयन प्रक्रिया दूषित हुई है. कंवर के पत्र पर केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने वन विभाग के प्रमुख सचिव को जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है.
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