नाबालिग की मांग में सिंदूर भरकर बलात्कार, आधी रात बदमाश ने मिटाई हवस, मिली ये सजा
नाबालिग की मांग में सिंदूर भरकर बलात्कार करने वाले आरोपी कामदेव साहू पिता हीरामन साहू को कोर्ट ने 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। फैसला कृष्ण कुमार सूर्यवंशी, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो) ने सुनाया। कोर्ट के आदेश के बाद ​जेल भेज दिया हैै। रेप की यह घटना 26 जुलाई 2023 की। जिस पर अब कोर्ट का फैसला आया है। कोर्ट ने किया दंडित कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ धारा 450 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड, 458 के आरोप में सात वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड, 342 के आरोप में छह माह का सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड, 427 के आरोप में एक वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड, 506 के आरोप में एक वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड एवं पाष्क्सो की धारा 6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) बसंत कुमार देशमुख के अनुसार 27 जुलाई 2023 को पीड़िता के पिता ने थाना में आरोपी के विरूद्ध लिखित शिकायत की। आरोपी ने 26 जुलाई 2023 को रात्रि 12 बजे पीड़िता के घर के बाहर आकर उसे फोन कर मिलने बोला। पीड़िता के मना करने पर डरा धमका कर घर का दरवाजा खुलवा कर उसे कमरे में ले जाकर कहा कि तुमसे प्यार करता हूं। शादी करूंगा। सिंदूर भरकर मिटाई हवस कमरे में रखे सिंदूर से उसकी मांग भर दिया। कमरा के दोनों दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। शोरगुल सुनकर पीड़िता की माता को जानकारी होने पर उसने अपने पति एवं सास को फोन कर घटना के बारे में बताया। घर के पास स्थित चौक में बैठे आदमी लोगों को बुलाकर उसकी सास व पुलिस के आने पर कमरे का दरवाजा तोड़ कर पीड़िता एवं आरोपी को बाहर निकाला गया। महिला प्रधान आरक्षक लिलेश्वरी देवांगन ने अभियुक्त कामदेव के विरूद्ध धारा 366, 376 (2) (ढ), 450, 458, 342, 427 एवं संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4, 5 (ठ), 6 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया। विवेचना के बाद अभियोग पत्र 22 सितंबर 2023 को प्रस्तुत किया गया। विवेचना निरीक्षक राकेश ठाकुर ने की।