सुशासन तिहार से खुल रहे समृद्धि के द्वार अनुज शर्मा
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*संपर्क, संवाद, स्नेह और समाधान*
*यही है सुशासन तिहार की पहचान।*
*सुशासन तिहार से खुल रहे समृद्धि के द्वार-अनुज*
पारदर्शिता, सेवा और प्रदेशवासियों की समस्याओं का त्वरित समाधान के लक्ष्य के साथ 5 मई से 31 मई तक सुशासन तिहार के तीसरे चरण में धरसींवा विधानसभा के ग्राम सारागांव में धरसींवा विधायक पद्मश्री अनुज शर्मा जी ने किसानो को ऋण पुस्तिका,राशनकार्ड, आयुष्मान कार्ड, ट्राइसाइकिल,मछली पालकों को फुटकर मत्स्य विक्रय हेतु आइस बॉक्स और जमीन का मालिकाना हक दिलाने हितग्राहियों को पट्टा वितरित किया। साथ ही समाधान शिविर में ग्रामीणों से आत्मीय संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को सुन कर निराकरण हेतु अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर धरसींवा विधानसभा के लोकप्रिय विधायक पद्मश्री अनुज शर्मा जी ने कहा कि हमारी विष्णु देव साय जी की सरकार के निर्देश पर प्रारंभ इस अभिनव पहल का उद्देश्य है—जनता की हर समस्याओं का समाधान।यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के "जनसेवा और सुशासन" के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।सुशासन तिहार का मूल उद्देश्य है, सरकार को जनता के द्वार तक लाना है। माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के नेतृत्व वाली सुशासन सरकार का संकल्प है कि राज्य का कोई भी पात्र नागरिक शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।आज सुशासन तिहार अपने तीसरे चरण में प्रवेश कर रहा है, इसमें समाधान शिविर के माध्यम से आपकी समस्याओं का समाधान सीधे आपके द्वार तक पहुंचेगा। हमारी सरकार जनता की आवाज को सुनने, समझने और उस पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। सुशासन तिहार के माध्यम से स्वयं मुख्यमंत्री जी,जनप्रतिनिधि और प्रशासन जनता के गांव,मोहल्ले और घरों तक पहुंचकर उनकी समस्याओं का निदान कर योजनाओं का लाभ एवं विकास कार्यों को गति देने के लिए निरंतर कार्य कर रहें हैं।
आज के आयोजित समाधान शिविर में विधायक श्री अनुज शर्मा जी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नवीन अग्रवाल जी, उपाध्यक्ष श्री संदीप यदु जी, श्रीमती सविता चंद्राकर जी, जनपद अध्यक्ष श्री ढिलेन्द्र यदु जी, जनपद उपाध्यक्ष श्री दिनेश खुटे, जी मंडल अध्यक्ष श्री सुनील शर्मा जी, श्री भरत सोनी जी ,श्री शेखर वर्मा एवं अन्य कार्यकर्ताओं सहित अधिकारीगण उपस्थित रहे।