मानसून की एंट्री के साथ दिखने लगा ‘काला सोना’.. 2000 रुपये प्रति किलो है कीमत, मिलते हैं कई गजब के फायदे
• devendra kumar
छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के जंगलों में इस साल पूटू की आमद पहले से शुरू हो गई है। पूटू एक विशेष प्रकार का मशरूम है, जिसे रुगड़ा या बोड़ा भी कहा जाता है। यह साल और सरई के जंगलों की भुरभुरी मिट्टी में प्राकृतिक रूप से उगता है। वर्तमान में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश और उमस भरी गर्मी का मौसम चल रहा है। इसी मौसम में यह कीमती सब्जी जमीन से बाहर निकलती है।
2000 रुपये प्रति किलो पहुंचती है कीमत
आमतौर पर जून के अंत में मिलने वाली यह सब्जी इस बार करीब 20 दिन पहले ही मिलनी शुरू हो गई है। स्थानीय पर्यावरणप्रेमी सुबीर चौधरी के अनुसार, पूटू दिखने में गोल और खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है। इसे छत्तीसगढ़ की सबसे महंगी सब्जी माना जाता है। प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर बोड़ा सीमित दिनों के लिए ही बाजार में दिखती है। शहरों में इसकी भारी मांग के कारण शुरुआती कीमत लगभग 2000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है। वर्तमान में गांव की महिलाएं और बच्चे लकड़ी की मदद से इसे जमीन से निकाल रहे हैं।
ग्रामीणों की आय का प्रमुख स्रोत
फिलहाल ग्रामीण इसे अपने उपभोग के लिए इकट्ठा कर रहे हैं। आने वाले दिनों में जब यह बाजार में पहुंचेगा, तो ग्रामीणों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत बन जाएगा। सबसे खास बात यह है कि दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों की लिस्ट में शामिल बोड़ा की खेती नहीं की जाती। जब मॉनसून की पहली बारिश होती है तो ये अपने-आप ही उगने लगती है।
