समन्वय ही कार्यालय प्रबंधन का आधार आयुक्त उच्च शिक्षा
। *समन्वय ही कार्यालय प्रबंधन का आधार-आयुक्त उच्च शिक्षा*
डॉ राधाबाई शासकीय नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ में जनभागीदारी समिति एवं महाविद्यालयीन प्राध्यापकों के आर्थिक सहयोग से बिना किसी शासकीय सहयोग के प्राचार्य डॉ.प्रीति मिश्रा के मार्गदर्शन में कार्यालयीन प्रबंधन पर दस दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन समारोह के *मुख्य अतिथि डॉ संतोष कुमार देवांगन(आईएएस)आयुक्त, उच्च शिक्षा विभाग* ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण तब लाभकारी होता जब हम समस्याओं से रुबरु होते हैं और ऐसे प्रशिक्षण से प्राप्त अनुभव के आधार पर समस्या का निराकरण करते हैं। कार्यालयीन प्रबंधन सबसे जटिल कार्य है।अधिकािरयों एवं कर्मचारियों को जितना अधिक नियमों की जानकारी होगी। कार्यालय प्रबंधन उतना ही आसान होगा।हमे संयमित आचरण करते हुए कार्यालय को संचालित करना चाहिए।बटज निर्धारण से लेकर उपयोग तक नियमों का पालन करना चाहिए। जिस मद की राशि है,उसी मद पर खर्च करें।अधिकारी एवं कर्मचारी अपने वित्तीय एवं प्रशासनिक शक्ति का दुरुपयोग न करें।हमारा अधिकतम प्रयास लोक सेवा एवं लोक हितकारी होना चाहिए।प्रबंधन ऐसा हो कि सेवानिवृत्त के बाद भी कोई दोषारोपण न हो।शासन प्रशासन में सबकी अपनी-अपनी पृथक-पृथक भूमिका होती है।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुब्रमण्यम सर ने कहा कि एक अच्छे नागरिक का निर्माण शिक्षा विभाग की है।हम सभी को अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए समाज निर्माण कार्य में सहभागी बनना चाहिए।विशिष्ट अतिथि डॉ.तपेश चंद्र गुप्ता अपर संचालक क्षेत्रीय कार्यालय उच्च शिक्षा एवं प्राचार्य छत्तीसगढ़ महाविद्यालयीन अपने उद्बोधन में कहा कि हम सभी को समय बद्ध तथा गुणवत्ता पूर्ण कार्य करना चाहिए।प्रतिभागी देवेन्द्र यादव ने उक्त फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम पर अपना सकारात्मक फिडबैक रखा।
कार्यक्रम के प्रारंभ में फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का प्रतिवेदन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रीति मिश्रा ने बताया कि इस दस दिवसीय प्रशिक्षण में बजट निर्माण एवं उपयोग,भंडार क्रय नियम,वेतन एवं पेंशन निर्धारण, अवकाश नियम,कार्यालय प्रबंधन, सूचना का अधिकार, लोकसेवा गारंटी,छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण एवं विभागीय कार्यवाही तथा कार्य नैतिकता विषय पर श्रेष्ठ विषय विशेषज्ञ द्वारा व्याख्यान दिया गया।इस अवसर पर कोकेडामा पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित किया गया।अतिथियों द्वारा महाविद्यालय में पौधा रोपण किया गया तथा महाविद्यालयीन शैक्षणिक कैलेंडर का विमोचन हुआ,साथ ही दस दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के सभी प्रतिभागियों एवं केंद्रीय जेल रायपुर में कैदीयों को अध्यापन कराने वाले प्राध्यापकों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।अतिथियों को स्मृति चिन्ह,शाल,श्रीफल एवं पौधे भेंटकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत,सरस्वती वंदना एवं राजकीय गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ श्रद्धा मिश्रा,सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र तथा डॉ रुपा सल्होत्रा, विभागाध्यक्ष गणित विभाग ने आभार व्यक्त किया।एफडीपी के अंतर्गत अंतिम दिवस को कार्य नैतिकता विषय पर विषय विशेषज्ञ सुब्रमण्यम जी कहां कि शासकीय कार्यालयों में कार्य नैतिकता में लगातार गिरावट आई है,जो कि चिंता का विषय हैं।शिक्षण कार्य में लगातार काम के प्रति एक व्यक्ति का दृष्टिकोण और समर्पण।यह एक व्यक्ति के मूल्यों, सिद्धांतों और विश्वासों का एक समूह है जो पेशेवर वातावरण में उनके व्यवहार को निर्देशित करता है।मजबूत कार्य नैतिकता वाले लोग समय के पाबंद,मेहनती और विश्वसनीय होते हैं।कार्य नैतिकता किसी भी व्यक्ति के लिए आवश्यक है जो अपने काम में सफल होना चाहता है और एक सकारात्मक कार्य वातावरण में योगदान देना चाहता है।इस अवसर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष,वरिष्ठ प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक,क्रीड़ाधिकारी
ग्रंथपाल,कार्यालयीन अधिकारी एवं कर्मचारी तथा अन्य महाविद्यालय के प्राचार्य एवं प्रतिभागी तथा छात्राएं उपस्थित थे।