अनोखा रिवाज! न बुलेट, न कैश…. यहां दहेज में दिए जाते हैं ‘नागराज’
शादी में लड़की पक्ष द्वारा दहेज के तौर पर हर वो चीज दी जाती है, जिससे बेटी और दामाद को अपनी नई जिंदगी बसाने में कोई कमी न रहे, लेकिन दहेज में जहरीले सांप देने करने की बात आपने शायद ही सुनी होगी. सांप का नाम सुनकर ही शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है और उसे दहेज में दिए जाने की बात कि जा रही है. हम बात कर रहे हैं कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित मकुनपुर गांव की, जहां पिछले 40 सालों से संवरा जनजाति के लोग निवास करते हैं. संवरा जनजाति का जहरीले सांपों से गहरा नाता है. सांप ही इस जनजाति के जीविकोपार्जन का एक महत्वपूर्ण जरिया हैं. इनके छोटे-छोटे झुग्गियों को देखकर समझा जा सकता है कि इनकी जीवनशैली कैसी होगी? इस जनजाति के लोग रोजगार के लिए सिर्फ सांपों पर ही आश्रित हैं. जगह-जगह जाकर सांपों को दिखाना ही संवरा जनजाति का मुख्य पेशा है. इसी को यह अपना रोजगार मानते हैं. सांप दिखाकर करते हैं रोजी-रोटी का जुगाड़ दरअसल, सांप दिखाकर घर के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ करना ही इनका काम है. भले ही ये लोग चार पैसे कमाने के लिए कोई और भी काम करें, लेकिन सांप लेकर घूमना और भीख मांगना इनकी पुश्तैनी परंपरा है, जिसे इनको मानना ही होगा. आप सुनकर हैरान हो जाएंगे कि इस समुदाय में जब भी विवाह होता है तो लड़की पक्ष द्वारा दहेज के तौर पर जहरीले सांप दिए जाते हैं. सांप देने का मकसद ही यही है कि सांप दिखाकर यह लोग अपनी जीविका चला सकें.